बीजेपी वाशिंग मशीन को लेकर हो रहे खुलासे से घबराई बीजेपी और मोदी सरकार
बीजेपी वाशिंग मशीन को लेकर हो रहे खुलासे से घबराई बीजेपी और मोदी सरकार
बीजेपी वाशिंग मशीन को लेकर लगातार नए-नए खुलासे होते जा रहे हैं. जिससे ये पता चल रहा है कि ये वाशिंग मशीन सिर्फ नेताओं को ही क्लीन नहीं कर रही, बल्कि देश भर के आर्थिक अपराधियों के भी दाग छुड़ाने का काम कर रही है. देश को लूटने का लाइसेंस देने के लिए सरकारी नियम-कानून तक बदले जा रहे हैं. बीजेपी अपने आप में एक वाशिंग मशीन में तब्दील हो चुकी है, जहां अब हर तरह के अपराध को छुड़ाने के लिए अलग-अलग रेट हैं.
कांग्रेस ने अखबारों में विज्ञापन जारी कर बीजेपी वाशिंग मशीन को लेकर प्रचार अभियान का आगाज़ किया है. जिसमें बीजेपी वाशिंग मशीन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा गया है. इसमें कहा गया है कि-
मित्रों, भ्रष्टाचारियों के खिलाफ एक्शन लूंगा
एक-एक को जुमला पार्टी में भर लूंगा
दरसल गांव-चौपाल तक मोदी सरकार के भ्रष्टाचार की कहानियां पहुंचने से बीजेेपी खेमें में घबराहट बढ़ती जा रही है. ईडी-इंकम टैक्स और सीबीआई की मदद से इलेक्टोरल बांड के जरिए चंदा वसूली और दूसरी पार्टियों के भ्रष्ट नेताओं को बीजेपी में शामिल करने, विपक्ष के नेताओं को ईडी-इंकम टैक्स और सीबीआई के जरिए जेल में डालने की घटनाएं दिनोंदिन बढ़ रही हैं.हालांकि देश का राष्ट्रीय मीडिया इन खबरों को दबाने की पूरी कोशिश कर रहा है. लेकिन आम जनता तक बीजेपी और मोदी सरकार की करतूतें किसी न किसी तरह पहुंच रही हैं.
द इंडियन एक्सप्रेस ने एक इन्वेस्टिवगेटिव रिपोर्ट में बताया है कि पिछले दस सालों में बीजेपी वाशिंग मशीन में धुल कर 25 बड़े नेता साफसुथरे हो गए हैं. इनमें से तीन नेताओं के खिलाफ तो भ्रष्टाचार के मुकदमे बंद कर दिए गए हैं. और 20 नेताओं के खिलाफ कर दिए गए मामलों को होल्ड पर डाल दिया गया है.
आलम ये है कि कांग्रेस से बीजेपी में गए दस नेताओं के दामन से घोटालों के दाग छुड़ा दिए गए हैं. वहीं एमसीपी और शिवसेना के चार -चार दलबदलू नेताओं के भी भाग खुल गए हैं. टीएमसी से तीन तो टीडीपी से दो नेताओं की बीजेपी वाशिंग मशीन में धुलाई हो चुकी है. वहीं सच्चाई ये भी है कि ईडी और सीबीआई ने विपक्ष के नेताओं के खिलाफ की 95 फीसदी कार्रवाई की है.
बीजेपी वाशिंग मशीन का देश में लोकतंत्र खत्म करने के लिए राजनीतिक इस्तेमाल की इससे बेहतर मिसाल और क्या हो सकती है. अगर सिर्फ महाराष्ट्र की बात करें तो पिछले दो सालों में महाराष्ट्र में हुई सियासी उठापटक में सेंट्रल एजेंसियों का बड़ा हाथ रहा है. लगातार ईडी-सीबीआई और इंक टैक्स के छापों से नेताओं को डराया-धमकाया गया है. उन्हें अपनी-अपनाी पार्टियों को तोड़ने के लिए उकसाया गया है. बीजेपी के साथ जाते ही अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले किए गए बंद कर दिए गए हैं. बीजेपी में गए प्रमुख 25 भ्रष्ट नेताओं की फेहरिस्त में करीब आधे नेता महाराष्ट्र के हैं.
यही नहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अशोक चव्हाण,छगन भुजबल, नारायण राणे, हसन मुशरिफ, जगन रेड्डी, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंंह, टीएमसी से गए सुवेंदु अधिकारी समेत कई नेताओं के पार्टी बदलने के लिए बीजेपी वाशिंग मशीन ही जिम्मेदार है.
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