तीस लाख सरकारी नौकरियों के लिए भर्ती कैलेंडर से कांग्रेस ने बीजेपी को दिया एक और झटका

Apr 21, 2024 - 20:13
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तीस लाख सरकारी नौकरियों के लिए भर्ती कैलेंडर से कांग्रेस ने बीजेपी को दिया एक और झटका

 

भर्ती कैलेंडर से बढ़ा युवाओं का भरोसा…

पहले चरण के मतदान में हार देख कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिर विक्टिम कार्ड खेलना शुरू कर दिया है. कल तक पीएम मोदी एक अकेला सब पर भारी का अहंकार लिए खुद को 56 इंच का सीना वाले, गिर का बब्बर शेर बताने वाले और घर में घुस कर मारने की बात कहते थे, लेकिन अब खुद को बलि का मासूम बकरा बताने लगे हैं. कर्नाटक रैली में पीएम मोदी ने कहा है कि देश-दुनिया के ताकतवर लोग उन्हें सत्ता से हटाने के लिए एकजुट हो गए हैं.

लेकिन वहीं कांग्रेस मोदी के भटकाने वाले बयानों से किनारा करके मतदाताओं से मुद्दे की बात पर संवाद कर रही है. कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों के साथ तीस लाख सरकारी भर्तियों की तारीखों का ऐलान कर पीएम मोदी और बीजेपी को भौचक्का कर दिया है. 

इस भर्ती कैलेंडर के मुताबिक 24 जून से 28 जून, 2024 के बीच चार दिन में सभी विभागों की अनुमानित तीस लाख नौकरियों के लिए अधिसूचना जारी कर दी जाएगी. चार महीने के भीतर यानि तीस अक्टूबर को इन सभी पदों के लिए भर्ती परीक्षा पूरी कर ली जाएगी. तीन दिसंबर तक सभी चयनित युवाओं को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए जाएंगे. यानि सरकार बनने के छह माह के भीतर सारी भर्तियां तयशुदा वक्त के भीतर पूरी कर ली जाएंगी.

कांग्रेस का ये प्रयोग राजनीति में सबसे अनूठा है. वहीं पहली बार किसी राजनीतिक दल ने रोजगार को मुख्य चुनावी मुद्दा बनाया है. जबकि मोदी सरकार औऱ बीजेपी ये सवाल उठा रही है कि इन नौकरियों के लिए कांग्रेस पैसे कहां से लाएगी. इसके जवाब में कांग्रेस सभी को बता रही है कि उनकी राज्य सरकारों ने जिन राज्यों में जो गारंटी दी है, उस पर अमल कर के भी दिखाया है. कांग्रेस और बीजेपी के प्रचार में यही बुनियादी फर्क है. कांग्रेस जहां दावा कर रही है तो बीजेपी वादे के नाम पर जुमलेबाजी कर रही है. 

इंडिया का भर्ती कैलेंडर सोशल मीडिया में जारी होते ही वॉयरल होने लगा है. इसमें कहा गया है कि ये अगले 6 माह के भीतर तीस लाख सरकारा नौकरियों को भरने का तारीखवार कार्यक्रम है. इसमें भरोसा दिया गया है कि इंडिया की पहली कैबिनेट बैठक में इस जॉब शिड्यूल को मंजूरी दी जाएगी. युवाओं के लिए ये नौकरियां नई उम्मीद लेकर आई हैं, वहीं इनकी भर्ती परीक्षा भी मुफ्त कराने का भरोसा दिया गया है.

कांग्रेस ने युवाओं को कहा है कि पिछले दस सालों में शून्य अधिसूचना और पेपर लीक के जरिए आपको धोखा मिला है, लेकिन केंद्र में सरकार बनते ही पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से ये भर्तियां की जाएंगी. साथ ही पेपर लीक को रोकने के लिए सख्त कानून और आधुनिक तकनीक अपनाई जाएगी.

एक तरफ जहां मोदी सरकार नौकरियों से हाथ झाड़ चुकी है. नई नौकरियां पैदा करने के बजाय तीस लाख से ज्यादा सरकारी नौकरियां खत्म करने के इरादे से खाली रखी गई हैं.  समझा जा रहा है कि इस बार 400 पार के पीछे बीजेपी की आरक्षण को हमेशा-हमेशा के लिए खत्म करने की योजना है. ऐसे में कांग्रेस और इंडिया का जॉब कैलेंडर लोकसभा चुनाव में तुरुप का पत्ता बन गया है.

पिछड़ेे, दलित, आदिवासी औऱ गरीब वर्ग के युवा देश में लगातार निराश के गर्त में जा रहे हैं. मोदी सरकार नौकरियों के साथ आरक्षित पदों को खत्म करती जा रही है. काबिल उम्मीदवार के नाम पर एससी,एसटी और ओबीसी कोटे की सीटों को जनरल कोटे से भरती जा रही है. या फिर लेटरल एंट्री के जरिए आरएसएस-बीजेपी के उच्च जाति के समर्थकों को ऊंचे-ऊंचे पदों पर बिठाया जा रहा है. वहीं निजी क्षेत्र में भर्तियों से ज्यादा छंटनी और हायर और फायर की नीति के कारण पूरी की पूरी युवा पीढ़ी तनाव में है. इतना तनाव में है कि हर दिन तीस से ज्यादा युवा आत्महत्या कर रहे हैं. ऐसे दौर में कांग्रेस का युवा न्याय नई ताकत बन गया है. 

इससे भी अहम बात ये है कि अनुभवहीनता के कारण ज्यादातर  फ्रेश ग्रेजुएट्स या डिप्लोमा होल्डर स्थाई नौकरी पाने से पहले सालों तक शोषण केे शिकार होते हैं. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के शब्दों में कहें तो जो पैसे वाले परिवारों से होते हैं, उन्हें ही नौकरी का अनुभव मिल पाता है. वहीं गरीब वर्ग के युवा कौशल के अभाव में भटकते रहते हैं. इनके लिए कांग्रेस ने सबसे इंकलाबी प्लान बनाया है. हर स्नातक या जिप्लोमा होल्डर को एक लाख रुपए सालाना वेतन के साथ निजी और सरकारी क्षेत्र में एप्रेंटिसशिप की कानूनी गारंटी दी है. ये कानूनी गारंटी युवाओं में स्किल डेवलपमेंट के लिए बेहद ज़रूरी है. भारत में मैनयुफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए कमाई भी,और हुनर की पढ़ाई भी एक बड़ा बदलाव ला सकता है.

वहीं गिग वर्कर्स के लिए भी जीवन बीमा और दूसरी सामाजिक सुरक्षा सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं को लागू करने की पक्की गारंटी दी गई है.  युवा न्याय की इन पांचों गारंटियों को रोजगार क्रांति माना जा रहा है.

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