बीजेपी ने नहीं पूरे किए 2014 के वादे, नए जुमलों की तैयारी
बीजेपी ने नहीं पूरे किए 2014 के वादे, नए जुमलों की तैयारी
बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में कई बड़े वादे देश की जनता से किए थे, पर जमीनी हकीकत में न ही वो वादे पूरे हुए और न ही वो सफल हो पाए. मोदी सरकार पुराने वादों को पूरा किए बिना फिर एक बार अब 2024 के लोकसभा चुनाव में जनता के सामने नए वादों का पिटारा खोलने वाली है, आईए डालते हैं एक नज़र बीजेपी के पिछले घोषणापत्र पर और गिनते हैं वो बड़े- बड़े वादे, जिन्हें मोदी सरकार अभी तक पूरा नहीं कर सकी।
रोजगार- बीजेपी ने 2014 में हर साल 2 करोड़ रोजगार का वादा किया था यानी पांच साल में 10 करोड़ रोजगार, और 10 साल में 20 करोड़ रोजगार. लेकिन इस वादे का उल्टा हुआ और 4 करोड़ 70 लाख नौकरियां चली गईं. एक रिपोर्ट के अनुसार इस साल बेरोजगारी की दर पिछले 45 साल में सबसे अधिक है.
किसान- अन्नदाता को लागत का 50 फीसदी मुनाफे का वादा- प्रधानमंत्री मोदी ने किसान को लागत पर 50 प्रतिशत मुनाफा देने का वादा किया गया था. दूसरा वादा किसान की आय डबल करने का वादा था। जबकि सच्चाई ये है कि कृषि की मौजूदा विकास दर 2.9 फीसदी है और इस लिहाज से किसानों की आय दोगुना करने में 28 साल लग जाएंगे. मोदी सरकार में आज भी अन्नदाता फसल की वाजिब दाम के लिए आज भी ठोकर खा रहा हैं.
कालाधन- बीजेपी ने 2014 के घोषणापत्र में 100 दिन के अंदर 80 लाख करोड़ कालाधन वापस लाने का वादा किया था और हर देशवासी के खाते में 15 लाख रुपये जमा कराने का वादा किया था. किसी के खाते में 15 लाख रुपए नहीं आए, उल्टा नोटबंदी कर देश की जनता की जेब से पैसा निकाल लिया गया।
आर्थिक शक्ति बनाने का वादा- बीजेपी ने देश को आर्थिक शक्ति बनाने का वादा किया था, लेकिन मोदी सरकार ने देश को कर्ज में डुबो दिया। 2014 में देश पर 54 लाख 90 हजार करोड़ कर्ज था, जो नरेंद्र मोदी जी ने पिछले नौ सालों में हिन्दुस्तान का क़र्ज़ा तिगुना कर दिया, 100 लाख करोड़ से ज़्यादा का क़र्ज़ा उन्होंने मात्र नौ साल में ले लिया है. अभी यह कर्ज 155 लाख करोड़ तक जा पहुँचा है. कर्ज के आंकड़ों के मुताबिक़ हर पाँच साल में सरकार पर कर्ज़ में लगभग 70 फ़ीसदी की बढ़त देखी गई है.
दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों को न्याय दिलाने का वादा- बीजेपी ने दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों को सामाजिक न्याय दिलाने का वादा किया था, लेकिन उलट दलितों के आरक्षण पर हमला किया गया और सरकार के संसाधनों से उन्हें दूर कर दिया गया.
बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं की सच्चाई- बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ- बीजेपी ने बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का नारा दिया था, लेकिन अब हालात ये आ गए हैं कि ये नारा बीजेपी से बेटी बचाओ का नारा बन गया है. बीजेपी पर बेटियों पर आक्रमण करने वालों को संरक्षण देने के भी आरोप लगे है. कठुआ, उन्नाव, मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड ने देश की आत्मा को शर्मसार कर दिया.
पेट्रोल-डीजल सस्ता करने का वादा- देश में पेट्रोल डीजल सस्ता करने का वादा किया गया था. लेकिन जब बीजेपी को सत्ता मिली तो पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी लगाकर 12 लाख करोड़ जनता की जेब से लूट लिया.
100 स्मार्ट सिटी बनाने का वादा- बीजेपी ने 2014 में 100 स्मार्ट सिटी बनाने का वादा किया था, लेकिन पिछले 5 साल में स्मार्ट सिटी पर केवल 7 प्रतिशत पैसा खर्च हो पाया है.
सेना को मजबूत करने का वादा- बीजेपी ने सेना को मजबूत बनाने का वादा किया था, लेकिन सेना और सैनिक दोनों ही मोदी सरकार के अत्याचार का शिकार बन गए हैं. इतना ही नहीं, मोदी सरकार में रक्षा बजट 57 सालों में सबसे कम है. सेना के बजट और राशन में कटौती की गई है, साथ ही साथ सेना में जाने का सपना देखने वाले युवाओं के खिलाफ अग्निवीर योजना लाकर सेना की सुरक्षा से भी खिलवाड़ किया जा रहा है.
रुपए को मजबूत करने का वादा- बीजेपी ने मनमोहन सिंह सरकार की आलोचना करते हुए रुपये को मजबूत करने का वादा किया था. बीजेपी ने 1 डॉलर को 40 रुपये के बराबर लाने का वादा किया था, लेकिन आज हिंदुस्तान का रुपया एशिया की सबसे कमजोर करेंसी बन गया है। 1 डॉलर लगभग 83 रुपए से ऊपर जा पहुंचा है.
गंगा की सफाई- मोदी सरकार ने गंगा को साफ करने का वादा किया था, लेकिन हकीकत में इस पर अमल ही नहीं किया गया. “नमामि गंगे योजना” के तहत 5 साल में 80 फीसदी पैसा खर्च ही नहीं किया गया है. यहां तक कि पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में गंगा मां और दूषित हो गई है, और बची हुई गंगा जल्द ही लुप्त होने की कगार पर है.
हर घर में 24 घंटे बिजली पहुंचाने का वादा- सितंबर 2015 में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि साल 2022 भारत के हर घर को 24 घंटे बिजली मिलने लगेगी. इस घोषणा की समय सीमा भी पार हो गई है, लेकिन अभी तक देश के सभी गांव में 24 घंटे बिजली नहीं मिल पाई है. 24 घंटे बिजली मिलना तो दूर कई गांव ऐसे भी हैं, जहां आज तक बिजली नहीं पहुंच पाई है.
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